Wednesday, July 24, 2013

नियति से एक विलंबित साक्षात्कार: अम्बाती रायुडू

2002 का वर्ष, लॉर्ड्स में नटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में युवराज - कैफ़ की इनिंग्स से मिली इंग्लैंड पर मिली ऐतिहासिक जीत के करीब 45 दिन बाद इन्ही दो देशों के बीच अंडर - 19 टीम का 50 ओवर का मैच टॉटन में चल रहा था (स्टार स्पोर्ट्स शायद लाइव मैच दिखा रहा था). इंग्लैंड के 303 के स्कोर का पीछा करते वक़्त भारतीय कोल्ट्स के सिर्फ 137 पर छः खिलाड़ी पवेलियन लौट चुके थे. सुरेश रैना, इरफ़ान पठान जैसे खिलाड़ी जिनसे मुझे उम्मीदें थीं वे भी वापस आकर पैड उतार चुके थे. पर ओपनिंग करने उतरे एक 17 वर्षीय युवा ने कुछ और ही ठान रखा था. विकेट गिरने जारी रहे और 266 पर नौवाँ विकेट भी गिर गया, पर एक छोर संभाल कर और सही गेंदों का चयन कर प्रहार करते उस युवा ने आस नहीं टूटने दी. आखिर में जब 11 गेंद रहते भारतीय कोल्ट्स ने जीत हासिल की तो वो युवक परीकथाओं जैसी अविश्वसनीय 177 रनों की अविजित पारी खेल चुका था, जो तत्कालीन अंडर - 19 क्रिकेट में एक नया विश्व रिकॉर्ड था. और ये रन सिर्फ 114 गेंदों पर बनाए गए थे.
ये एक ऐसी इनिंग थी जिसकी दूसरी मिसाल इतने कम उम्र के खिलाड़ी की मिलनी मुश्किल है. जिस किसी ने वो इनिंग देखी होगी, उसे शर्तिया यही लगा होगा जो मुझे तब लगा था - भारतीय क्रिकेट को एक 'माइकल बेवेन' मिलने वाला है.

दो माह बाद उसी युवक ने रणजी ट्रॉफी के एक मैच में पहली इनिंग में दोहरा शतक और दूसरी में 159 रनों की अविजित इनिंग खेली. अब तो क्रिकेट पंडितों की उम्मीदें आसमान छूने लगीं.

पर भविष्य किसने देखा है, भारतीय टीम में नो वैकेंसी (फैब फोर + सहवाग का ज़माना था) और उस खिलाड़ी के एक आध असफल घरेलू सीजन, भारतीय - ए टीम के दौरों का अभाव, इन सब वजूहातों से उसका गेम भी प्रभावित हुआ, और प्रतिबंधित इंडियन क्रिकेट लीग ज्वाइन करना सबसे बड़ी भूल साबित हुई.

आज वही क्रिकेटर भारतीय टीम में अपनी एक नई शुरुआत कर रहा है, तो निस्संदेह उसे पिछले दस सालों में जो वो नहीं हासिल कर पाया, जिसे अपनी प्रतिभा के अनुसार उसे हासिल करना ही चाहिये था, उसका मलाल अवश्य हो रहा होगा. भारतीय टीम से खेलना उसकी नियति थी, पर इस नियति से साक्षात्कार करने में उसे 10 साल लग गये. फिर भी, ये एक नई शुरुआत तो है ही. और अभी उसकी उम्र 28 भी नहीं हुई है, 'मिस्टर क्रिकेट' कहे जाने वाले माइक हसी को पहला मौका 29 साल की उम्र में मिला था. आल द बेस्ट अम्बाती रायुडू.

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