Thursday, September 12, 2013

जन्मशती महानतम एथलीट की

जेम्स क्लीवलैंड "जेसी" ओवन्स का जन्म आज से ठीक सौ साल पहले 12 सितम्बर 1913 को अमेरिका के अलाबामा में हुआ था. वे अपने माता - पिता की दस संतानों में सबसे छोटे थे. उनका बचपन और दूसरे बच्चों की तरह नहीं था, बाल्यावस्था के दूसरे सुख उनसे कोसों दूर थे. परिवार चलाने के लिये उनके पिता की आमदनी कम पड़ती थी तो बालक जेसी ने घर चलाने में सहायता करने के लिये ग्रॉसरी स्टोर से सामान ग्राहकों के घर पहुँचाने, बोझा लदवाने और जूते रिपेयर करने वाली दुकान पर काम करने में भी संकोच नहीं किया. इसी दौरान जेसी को दौड़ के प्रति अपने जूनून का पता चला. स्कूल में उनके कोच थे चार्ल्स रिले. स्कूल में दौड़ की प्रैक्टिस शाम को होती थी, पर जेसी तो शाम को जूते रिपेयर की दुकान पर काम करने जाते थे. कोच चार्ल्स रिले ने जेसी को सुबह प्रैक्टिस करने देने के लिए स्कूल के प्रबंधन से विशेष इजाजत हासिल की. चार्ल्स रिले से मिली प्रेरणा और दिशा - निर्देशों का अहसान जेसी ताउम्र मानते रहे.

"अलाबामा एंटीलोप" और "बकआई बुलेट" के नाम से भी पुकारे जाने वाले जेसी 1933 में सुर्ख़ियों में आये जब उन्होंने 100 यार्ड (91 मीटर) की दौड़ में तत्कालीन विश्व - रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए 9.4 सेकंड में दौड़ पूरी की. फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 25 मई 1935 को मिशिगन के बिग - टेन मीट में उन्होंने एक ही दिन में तीन विश्व - रिकॉर्ड तोड़े और चौथे की बराबरी की - 100 यार्ड की दौड़ में विश्व - रिकॉर्ड की बराबरी, लॉन्ग जम्प में विश्व - रिकॉर्ड बनाया (जो अगले 25 साल तक उनके ही नाम रहा), 220 यार्ड की दौड़ और 220 यार्ड की बाधा दौड़ में विश्व - रिकॉर्ड अपने नाम किया.

और फिर आया 1936 का बर्लिन ओलंपिक. जर्मन चांसलर हिटलर, के 'आर्य नस्ल की श्रेष्ठता' सिद्धांत को पूरी तरह गलत साबित करते हुए जेसी ओवन्स ने चार स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीते. ये स्पर्धाएं थीं - 100 मीटर दौड़, 200 मीटर दौड़, 4 X 100 मीटर रिले दौड़ और लॉन्ग जम्प. लॉन्ग जम्प में जेसी के प्रतिद्वंदी थे जर्मनी के ही लुज़ लोंग. प्रारंभिक राउंड में लुज़ लोंग ने 7.25 मीटर की जम्प लगाकर ओलिम्पिक रिकॉर्ड बनाया वहीँ दूसरी ओर जेसी ओवन्स ने लगातार दो बार फ़ाउल कर दिया, जम्प के पहले दौड़ते वक़्त उनका पैर स्टार्ट लाइन को क्रॉस कर जाता था. जेसी ओवन्स काफी निराश होकर फील्ड में ही बैठ गये थे. अब एक ही प्रयास बचा था जिसमें अगले राउंड के लिये क्वालीफाई करने के लिए कम से कम 7.15 मीटर की जम्प लगानी थी और इस बार अगर फ़ाउल हो जाता तो जेसी प्रारंभिक राउंड से ही बहार हो जाते. लुज़ लोंग देख रहे थे, वे जेसी के पास गये और सलाह दी कि 'टेक – ऑफ' लाइन से कुछ इंच पहले से ही जम्प लगायें, तब भी क्वालीफाइंग दूरी तय कर लेंगे. जेसी ने लुज़ लोंग की सलाह मानी और 'टेक – ऑफ' लाइन से कुछ इंच पहले से ही जम्प लगाई, फिर भी अगले राउंड के लिए क्वालीफाई कर गये. उसी दिन हुए ऐतिहासिक फाइनल में जेसी ओवन्स, लुज़ लोंग और अन्य प्रतिद्वंदी ने ओलिम्पिक रिकॉर्ड पाच बार तोड़ा. लुज़ लोंग ने 7.87 मीटर की जम्प लगाईं, पर स्वर्ण पदक जीता जेसी ओवन्स ने 8.06 मीटर की जम्प लगाकर. पदक वितरण के पश्चात जेसी ओवन्स और लुज़ लोंग बाँहों में बाहें डाले ड्रेसिंग रूम तक साथ आये. हिटलर के सामने एक जर्मन का एक ब्लैक प्रतिद्वंदी से मित्रता निभाना कितना साहसिक कदम रहा होगा, आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं.

इतिहास के सफलतम एथलीट माने जाने जेसी ओवन्स कि मृत्यु 1980 में फेफड़ों के कैंसर से हुई थी. अमेरिका ने उनके सम्मान में 1981 से "जेसी ओवन्स अवार्ड” शुरू किया, जो प्रतिवर्ष अमेरिका के सर्वश्रेष्ट एथलीट को दिया जाता है.

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